सूरह कुरैश “Surah Quraysh”
नाम रखने का कारण
पहली ही आयत के शब्द “कुरैश” को इस सूरह का नाम दिया गया है।
अवतरणकाल
अत्यन्त बहुसंख्या में टीका कार इसके मक्की होने पर सहमत हैं और इसके मक्की होने की पूरी गवाही इस सूरह के शब्द ‘इस घर के रब’ में मौजूद है।
यदि यह मदीना में अवतरित होती तो ‘काबा के घर’ के लिए ‘इस घर’ के शब्द कैसे उपयुक्त हो सकते थे? बल्कि इसकी वार्ता का सूरह फील की वार्ता से इतना गहरा सम्बन्ध है कि सम्भवतः इसका अवतरण इसके पश्चात् संसर्गतः ही हुआ होगा।
सूरह कुरैश (106) हिंदी में
अल्लाह के नाम से जो बड़ा ही मेहरबान और रहम करने वाला है।
- (1) चूकि कुरैश हिलमिल गए।
- (2) (अर्थात्) जाड़े और गर्मी की यात्राओं से हिलमिल गए।
- (3) अतः उनको चाहिए कि इस घर के रब की बंदगी करें।
- (4) जिसने उन्हें भूख से बचा कर खाने को दिया और भय से बचा कर निश्चिन्तता (अमन) प्रदान की।